शुक्रवार, अक्तूबर 19, 2007

सेंसेक्स में जारी है सांप सीढ़ी का खेल


दो शब्‍द

शेयर बाजार जुआ घर से कम नहीं है। यहां कुछ लोग मालामाल हो रहे हैं तो कुछ लोग कंगाल। आम आदमी इनमें कही नहीं है। उसे तो अपने रोजी रोटी से फूर्सत ही कहां है। शेयर बाजार में उछाल अखबार की एक बड़ी खबर बन जाती है लेकिन लोकसरोकार से जुड़े मुद्दे कभी-कभार ही अखबारों में हेडलाइन बन पाती है। कारण साफ है- अब आमलोगों से खास लोगों को कोई मतलब नहीं है। मतलब है तो सिर्फ अपने पॉकेट से। कितना खाली होता है और कितना भरता है यह पॉकिट इस पर निर्भर करता है लोकसरोकार का मुद्दा।

अब खबर
देश के शेयर बाजार बुधवार को कारोबार शुरू होते ही इतने नीचे लुढ़क गए कि कारोबार को एक घंटे के लिए रोक देना पड़ा। बाद में केन्द्रीय वित्तमंत्री और सेबी द्वारा निवेशकों को भरोसा दिलाने से इनमें कुछ जान आई, लेकिन सत्र की समाप्ति पर बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक (सेंसेक्स) 336 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक 109 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ।शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों की ओर से आ रहे धन के प्रवाह पर अंकुश लगाने के सेबी के कल के प्रस्ताव से इतनी अफरा-तफरी फैल गई कि कारोबार शुरू होने के एक ही मिनट के भीतर सेंसेक्स डेढ़ हजार तथा निफ्टी पाँच सौ अंकों से अधिक नीचे फिसलकर निचले सर्किट पर आ गया। सेंसेक्स के करीब आठ प्रतिशत और निफ्टी के नौ प्रतिशत से ज्यादा नीचे जाने से नियमानुसार कारोबार को एक घंटे के लिए रोक देना पड़ा।इसके तुरंत बाद वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार का पीएन (पार्टिसिपेटरी नोट) के जरिये शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश पर रोक लगाने का कोई इरादा नहीं है, पर सरकार पीएन के जरिये निवेश की सीमा तय कर इसे नियंत्रित करना चाहती है। वित्तमंत्री ने कहा कि आम निवेशकों, एफआईआई और शेयर दलालों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।सेबी प्रमुख एम. दामोदरन ने भी कहा कि निवेशकों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। दामोदरन ने कहा कि पीएन के माध्यम से निवेश पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव सोच-समझकर उठाया गया कदम है। इस पर सभी सम्बद्ध पक्षों से राय ली जाएगी। वित्तमंत्री और सेबी प्रमुख के बयानों के बाद बाजार में कुछ सुधार देखा गया।
बीयेसई के तीस शेयर आधारित सेंसेक्स 19000 अंक तक की अपनी यात्रा में किन-किन पड़ावों को कब-कब पार किया, प्रस्तुत है विस्तृत ब्योरा:-
1000 : 25 जुलाई, 1990
2000 : 03 जनवरी, 1992
3000 : 29 फरवरी, 1992
4000 : 30 मार्च, 1992
5000 : 08 अक्तूबर, 1999
6000 : 11 फरवरी, 2000
7000 : 20 जून, 2005
8000 : 08 सितंबर, 2005
9000 : 28 नवंबर, 2005
10000 : 06, फरवरी 2006
11000 : 21 मार्च, 2006
12000 : 20 अप्रैल 2006
13000 : 30 अक्टूबर, 2006
14000 : 05 दिसंबर, 2006
15000 : 06 जुलाई, 2007
16000 : 19 सितंबर, 2007
17000 : 26 सितंबर, 2007
18000 : 09 अक्टूबर, 2007
19000 : 15 अक्टूबर, 2007

कोई टिप्पणी नहीं:

दलित बस्‍ती में ही सफाई करने क्‍यों पहुंच जाते हैं नेता...

बीजेपी हो या कांग्रेस या आम आदमी पार्टी सभी अपने सोच से सामंती व्‍यवस्‍था के पोषक हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वॉड...