मंगलवार, सितंबर 22, 2009
आडवाणी जी यह क्या कह रहे हैं आप
सहमति और असहमति से आडवाणी जी का पुराना संबंध है। कंधार मामले की उन्हें जानकारी नहीं थी। हालांकि आडवाणी जी हरदम इस मसले पर अपना पाला बदलते रहे। भला एक गृहमंत्री को अपने देश में घटने वाली घटनाओं की जानकारी न हो यह सुनना बड़ा अटपटा लगता है। जसवंत मामले पर आडवाणी का बयान भी कुछ कंधार जैसा ही है। इन्हें कभी फैसले की जानकरी रहती है तो कभी नहीं। कभी जसवंत के निष्कासन को ठीक मानते हैं तो कभी नहीं। हमें लगता है अब आडवाणी जी अपने ज्ञान को कनिष्ठ सहयोगियों के बीच बांटें तो पार्टी का काफी भला होगा और आने वाले समय में देश का भी।
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